तोहफा तकिये का

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 त से तकिया 


आज मम्मी के तीन बार फोन आ चुके थे , और मैं थी कि उन्हें वापस कॉल ही नहीं कर पा रही थी ।
 रात जब खाना खाने बैठे मम्मी का फिर फोन आया मैंने  फोन उठाया तो उधर से सुनाई दिया " बेटा थैंक यू वेरी मच बहुत  अच्छा लगा तुम्हारा तोहफा थैंक्यू बेटा'' और बेहद
खुश आवाज़ में मम्मी ने कहा ।
मम्मी की खुशी भरी आवाज़ सुन कर मेरा मन प्रसन्न हो गया ।
 किसी बात की कमी तो नहीं थी मम्मी के पास कपड़े, गहने ,पैसे फिर मैं क्या देती उन्हें, उनके इस बर्थडे पर 
ऐसा क्या देती जो उनके शरीर को नहीं दिल को छू जाता ऐसा क्या जिसे छूकर वह मेरे प्यार को महसूस कर पाती।

मम्मी का बर्थडे हम सब भाई बहनों के लिए एक उत्सव की तरह होता है, जिसकी तैयारियां पहले से होने लगती है ।
 हम आपस में बातें करते हैं कि इस बार पैसे मिलाकर मम्मी को कुछ गिफ्ट करें यह सब लोग अपना अलग गिफ्ट करना चाहते हैं ।
 और इस बार हुआ यूं कि ना मैं दूसरों के साथ मिलकर गिफ्ट ले पाई ना ही खुद कुछ खरीद पाई ।
मम्मी के बर्थडे के दिन मैंने मम्मी को फोन किया और कहा "सॉरी मम्मा आपके लिए कुछ नहीं ले पाई  हूं ,आप ही बता दो कि मैं आपके लिए क्या ले लूं ?" ।
तो मम्मी ने हंसते हुए कहा
 " बेटा कभी मां बाप भी बच्चों से कोई गिफ्ट लेते हैं ,या मांगते हैं ,पर अगर तुम कह ही रही हो तो ,मैं चाहती हूं कि तुम कुछ दिन के लिए घर आ जाओ और मेरे साथ रहो " ।
मम्मी की बात मैंने अनसुनी कर दी क्योंकि मैं जानती थी कि मेरा घर जाना अभी संभव नहीं है घर और ऑफिस के कामों में मैं बुरी तरह उलझी थी ।
काफी दिन बीत गए पर मन में एक कसक सी थी कि इस बार मम्मी को कुछ नहीं दिया ,क्या दूं  ?
एक रात को सोते समय  टिक्कू ने मुझसे कहा 
"मम्मी ,नानी बहुत ऊंचा तकिया लेती है ना ,इसीलिए उनकी गर्दन और कंधों में दर्द रहता है ,उन्हें ऐसा कुछ लेना चाहिए ,जिस पर उन्हें अच्छी नींद आए और तकिया ऊंचा भी ना हो' । उसकी बातें सुनते ही मेरी आँखें चमक उठी ।
वह कहते हैं ना कि कई बार ईश्वर बच्चों के मुंह से बोलते हैं मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ मेरे मन में एक विचार कौंधा  और मैं समझ गई कि मुझे मम्मी के लिए क्या लेना है । 
यूं तो बाजार में हजारों तकिए  थे ।
हर ब्रांड के, हर साइज के और उतना ही कंफ्यूजन भी था कि, क्या करूं, क्या खरीदूँ, बहुत ढूंढने ,सर्वे करने और ऑनलाइन वेबसाइट पर रिव्यू पढ़ने के बाद मैंने तय किया कि मम्मी और पापा की उम्र को मद्देनजर रखते हुए मुझे उन्हें किस कंपनी का तकिया गिफ्ट करना चाहिए और फिर क्या था मैंने वेक-फिट कंपनी के दो तकिए मम्मी -पापा के एड्रेस पर आर्डर कर दिए ।
मैं जानती थी  मेरा तोहफा थोड़ा अजीब था  पर उनके लिए यह अनमोल ही ठहरेगा ।
मेरी सहेली बोली "क्या तुम भी,तकिया भला कौन गिफ्ट करता है, ये भी क्या कोई गिफ्ट करने की चीज है" ।
गिफ्ट पार्सल करने के बाद मैं अपने ही ख्यालों में खो गई ,
मुझे वो सारे पल याद आये जब मम्मी सर के नीचे 2-3 तकिये रखा करती थी ,क्योकि उन्हें ऊंचा तकिया लेने की आदत थी, पर वे कभी भी अपने आराम पर कोई पैसा नही ख़र्चा करेंगी ये जानती थी मैं , और पापा, पापा को तो खुद के लिए या खुद पर पैसा खर्चा करना जैसे पाप लगता है ।
माँ-पापा थे ही ऐसे, केवल बच्चों पर ही सब लूटा देने वाले  ।
वो कभी अपने लिए मंहगे आरामदायक तकिये नहीं खरीदेंगे ।
इस सब सोचते हुए मैं इस निर्णय पर पहुंची कि, मेरा निर्णय सही था ।
तोहफा भेजने के बाद बड़ी बेचैनी से मैं जवाब का इंतजार कर रही थी । पहले कॉल पर मम्मी ने थैंक्यू कहा पर 
बाद में मम्मी ने कहा कि
 " बिटिया तू कैसे मन की बात जान लेती है 
बहुत सालों से एक ऐसे ही तकिये की चाह थी,पर खर्च करना फालतू लगा इसीलिए कभी खरीदा नही ।
उस तकिये पर सर रखकर मुझे यूँ लगा मानो मैंने अपनी माँ की गोद  में सर रखा हो ,"
नर्म मुलायम बादलों  सा तकिया, 
तकिया जिस पर सर रखते ही  अरसे बाद उन्हे मीठी नींद और सुंदर सपने आए "।
 और इसीलिए उन्होंने मुझे थैंक्यू कहा ।

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उनकी बात सुन कर तो मेरी खुशी का ठिकाना नही रहा ।
वो पल कितने अनमोल होते है, जब बागवान स्वयं फूलों की तारीफ करें ।
उन शब्दों को किसी सुनहरी डायरी में लिखने लायक होते है,ताकि बार बार पढ़े जाए ।
अपनी खुशी दुगनी करने की गरज से मैनें
पापा से पूछा " पापा आपको यह गिफ्ट कैसा लगा"  तो पापा कहते हैं "बिटिया सच बताऊं तुझे, जिंदगी की दौड़ में अपनी हर जरूरतों को हम ने मारा है हमेशा सोचता था कि एक ऐसा तकिया जिस पर सर रखूं और सो जाऊं यह जो तकिया तुमने भेजा है ना , मैं आज तक ऐसे तकिये पर सर रख कर  नहीं सोया थैंक्यू बेटा तेरा यह गिफ्ट बहुत प्यारा है ।

फिर क्या था , मैं मुस्कुरा दी, देर से ही सही मैंने उन्हें वह तोहफा दिया जो अनमोल था ।
जाने कितनी दुआएं मिली होंगी मुझे, मैं अचानक से खुद को अमीर महसूस कर रही थी 
और ये सोच कर बहुत सुकून में थी कि माँ-पापा को प्यारी नींद आ रही होगी,मुझे भी उस दिन ऐसी नींद आई ,मानों मैं मम्मी के गोद में सर रख कर सो रही हूँ ।

By 
Mrs Hakuna Matata

Comments

Kamlesh Solanki said…
वह पल कितने अनमोल होते हैं जिसमें बागवान स्वयं फूलों की तारीफ करें,
बहुत प्यारी लाइन
बहुत अच्छी कहानी दिल को छूने वाली ।