me time /मी-टाइम

विधाता सचमुच अद्धभुत है ,उसकी हर रचना मुझे विस्मित कर देती है ।
अलसुबह पतिदेव और बेटा दूसरी बार  सफारी (बांधवगढ़) पर  "टाइगर दर्शन" के लिए निकल गए थे ।
पर मैं नहीं गई , मुझे सूक्ष्म चीजें यानी कि micro चीजें/बातें ज्यादा लुभाती है । पहले टूर पर शेरखान ने दर्शन नही दिए इसलिए दूसरे दिन मैंने रिसोर्ट में ही रुकने का मन बना लिया ।
 मुझे बाघ देखने से ज्यादा उत्सुकता थी इस वातावरण में जीने की , ट्री हाउस पर बैठ पत्तों को झड़ता हुआ देखना, सूखे पत्तों पर चलते हुए उनकी चरमराहट वाली ध्वनि को सुनना, मन्द-मन्द हवा  के स्पर्श को अपने चेहरे पर महसूस करना , मिट्टी पर पानी डाल कर उस सौंधी सी खुशबू से मन तर कर लेना ,नंगे पैर दूब पर चलना ।
छायादार पेड़ के नीचे आराम कुर्सी पर पैर फैला कर अपनी कोई पसन्दीदा पुस्तक पढ़ना,फिर ऊब कर आकाश में विचरते बादलों में कोई आकृति ढूढंना , ये सब मैंने किया , रिसोर्ट में सन्नाटा फैला हुआ था, मुझ जैसे कुछ ही झल्ले लोग थे ,जो सफ़ारी टूर पर नही निकले थे और वे भी अपनी कॉटेज में थे ,एक मैं ही विक्रम-बेताल के प्रेत की तरह अपनी मौज में अकेली ही टहल रही थी ।
Resort के पिछले हिस्से में नदी की एक छोटी सी धारा का मुड़ गई थी ,ठीक उस के ऊपर लकड़ी का पुल था ,बड़ी खूबसूरती के साथ सारे पेड़ो के झुरमुट को समेटते हुए उस पुल को बनाया गया था ।
सुबह मैं उस पुल ओर गई और इतनी प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक सुंदरता देख कर मेरी आँखें बौरा गई ये तो मेरी आँखों के लिए एक  visual treat की तरह था ।
Nature जैसा कोई architect नहीं हो सकता ।
 पुल से नीचे देखा तो पाया कि वहां एक अलग ही दुनियां थी ।
नदी का निर्मल पानी निर्बाध हो कर बह रहा था , किनारों पर ठहरी रेत को पानी के बहाव के साथ आगे पीछे होते देखना एक meditation की तरह था ।
सूरज की किरणों के पानी पर पड़ने से अनगिनत चमकीले सितारों सी रोशनी ने आंखों को  मिचमीचाने पर मज़बूर कर दिया था ।
नदी के शीतल और साफ जल में अनगिनत छोटी-छोटी मछलियां बहाव के साथ बह रही थी , थोड़ी थोड़ी देर में 2-3 हिरन आ कर पानी पीते और झाड़ियों के झुरमुट में खो जाते, लंगूर पेडों पर झूल रहे थे , जाने कितने तरह के छोटे बड़े पक्षीयों की चहचाहट से एक संगीत पैदा हो रहा था ।
मैंने इतने पक्षी  एक साथ कहीं नहीं देखे थे ।
लग रहा था मानो किसी और दुनिया में ट्रांसपोर्ट हो गई हूं ।
बहुत कुछ लिखना है , पर अब अगली किश्त में ।

Mrs Hakuna Matata
Aka
Meeta S Thakur.

Comments

Kamlesh Solanki said…
Dear Meeta,

जैसे ही मैंने डूबने की कोशिश की, कहानी खत्म हो गई ।
अगली किश्त का इंतजार रहेगा ।

Kamlesh Solanki