"ठंड" में मोमोस का स्वाद दुगुना हो जाता है,
पर इतनी जगह के मोमोस खाने पर भी मज़ा नही आया,
तब मिस्टर मटाटा ने बताया कि विशाल मेगामार्ट के सामने पुल के नीचे एक मोमोस स्टॉल लगता है, चलो वहाँ ट्राय किया जाए ,शायद वहाँ के स्वाद में तुम्हें मज़ा आये..!!
मिस्टर मटाटा की बात मान कर मैं उनके साथ मोमोस स्टॉल पहुँची, तो पाया कि एक 12-13 साल का मध्यम कद-काठी और गोरी रंगत वाला लड़का जो कि शायद ...नेपाली था,तिब्बती था,या हिमाचली था, कहना मुश्किल था....पर जो भी था, वह बिजली की गति से हाथ चलाते हुए मोमोस के साथ चटनी सर्व करते हुए....
वेजिटेबल रोल तेल में डीप फ्राई कर रहा था..साथ ही पैसों का लेन-देन भी बखूबी कर रहा था.उसकी फुर्ती देखते ही बन रही थी..!
उसकी हिंदी मुश्किल से समझ आ रही थी, टूटी फूटी अंग्रेज़ी और टूटी-फूटी हिंदी से उसका काम चल रहा था...!
मोमोस स्टॉल पर काफी ग्राहक थे , मन मे उत्कंठा उठी कि मैं उससे उसके बारे में पूछूँ , पूछूँ की तुम्हारा नाम क्या है..? दुकान अकेले ही संभाल रहे हो,कोई बड़ा साथ नहीं है क्या...??
पर कुछ पूछ नहीँ पाई....और वापस घर आ गई...
"अरे आपको बताना तो भूल ही गई, "मोमोस" बेहद स्वादिष्ट थे आते समय ,मैं सोचती रही,इतनी कम उम्र में ,कितने तरीके से वह अपना काम कर रहा था...!
यहाँ हम अपने बच्चों को स्मार्ट बनाने के लिए जाने क्या नही करते , और इसे देखो....बरबस मेरे मुँह से निकला
"परिस्थिति सब सिखा देती है" मिस्टर मटाटा ने फिलोसोफीकल अंदाज़ में कहा ।
ख़ैर वापस आ कर मैं ज़िन्दगी की आपाधापी में फंस कर सब भूल गई...!!
पर अक्सर उसका ध्यान आता रहा । इस उम्र के बच्चों के मम्मी-पापा इस चिंता से ग्रसित रहते है कि, कैसे बच्चों को
वीडियो गेम और इंटरनेट के शिकंजे से बचाया जाए,
और कहाँ छोटू जैसे बच्चे जो बचपन का मतलब जानते ही नहीं..!!
कुछ दिनों बाद फिर जाना हुआ उस तरफ , संडे का दिन था ,भीड़-भाड़ बहुत थी ,गाड़ियों के हॉर्न, लोगो की रेल-पेल और इन सब के बीच "छोटू चल फटाफट , एक प्लेट मोमोस लगा दे, या छोटू एक प्लेट रोल ", की आवाज़ों के बीच उसके हाथ फटाफट चल रहे थे ,
एक पल को उसने मेरी तरफ देखा और मुस्कुरा कर फिर अपने काम मे लग गया ,
मेरा ध्यान मोमोस से ज्यादा उस पर था, मैंनें उससे पूछा
"तुम्हारा नाम क्या है..? पर जवाब देने की बजाए वह मुस्कुरा दिया , मैनें फिर उससे पूछा, " अरे, तुम्हारा नाम पूछ रही हूँ ,मैं ,बताओ न..!!
इस पर शर्माते हुए वह बोला,सब अमको छोटू बोलते है,समझ लीजिए कि यही अमारा नाम है...!!
'"अच्छा , ये बताओ कि, क्या अकेले ही दुकान संभालते हो, तुम्हारे , पापा मम्मी कहाँ है...??"
उसने जवाब दिया, पर मेरे समझ मे कुछ नही आया ।
बहुत भीड़ होने के कारण कुछ खास नही जान पाई, और लौट आई...!!
अगली बार जब मोमोस के स्वाद लेने के का मन हुआ तो मिस्टर मटाटा के साथ मैं भी चल दी , सोचा अबकी बार "छोटू" से बात करके ही रहूंगी ।
मोमोस स्टॉल पर भीड़ कम थी,
इस बार मुझे देख कर वो मुस्कुराया...,क्या दूँ मैडम ,बड़ी नरमियत से उसने पूछा ,
"मोमोस" , पर तभी जब तुम अपना नाम बताओगे..!
मेरे ऐसा कहने पर वह शरमाते हुए बोला "निखिल"
"अमारा, नाम निखिल है..."।
अरे वाह ,कितना सुंदर नाम है,मैनें खुशी से कहा..
"निखिल"...."अच्छा ,अब बताओ ,क्या अकेले संभाल लेते हो दुकान,कोई परेशान तो नही करता तुम्हें...".!
वह आदतन मुस्कुराते हुए टूटी फूटी हिंदी में बोला, "नहीं"..अगर अमको कोई प्रॉब्लम देता है तो, इधर वाले भैया लोग ...बहुत हेल्प देता है , पीछे की दुकानों की तरफ इशारा करते हुए वह बोला...!!
"निखिल" तुम बहुत स्मार्ट हो, मेरे ऐसा कहने पर वो हल्का सा हंस दिया...और बोला ,मैडम आप जानता है, इधर आ कर अम गोरा हो गया है , पहले इतना गोरा नही था..!!
"अच्छा".....,उसका भोलापन देख कर मेरा मन पसीज गया...!!
"तो तुम्हारे साथ कौन कौन रहता है, इतना काम अकेले कैसे संभाल लेते हो ",
तब उसने बताया कि, वह पिछले साल नेपाल से यहां आया था, ओवरब्रिज के नीचे बने हुए कमरे में अपने मामा के साथ रहता है, जब पढ़ाई छोड़ के आया उस वक्त , 8th क्लास में था,
"पर, आये ही क्यों, नेपाल से इतनी दूर , "सतना" ...?
मैनें आश्चर्य से पूछा....फैमिली के लिए तो पैसा कमाने आया है इधर..!
उसने निहायत ही सरलता से जवाब दिया...!!
मैं निरुत्तर थी और नतमस्तक भी, परिवार ही वो चीज है जो आपको विपरीत परिस्थितियों में भी सरवाईव करने की प्रेरणा देता है...!! अम
"क्या, तुम्हारी एक फोटो ले सकती हूँ..??
कुछ पल बाद वो बोला.."अच्छा। पर आज अम अच्छा नहीं दिख रहा", उसने झिझकते हुए कहा...!!
तुम सबसे प्यारे और सुंदर हो निखिल , भीगे स्वर में कहते हुए मैंनें उसकी कुछ फोटोज ले ली..!!
हालांकि उसके हिसाब से फ़ोटो सुंदर नही आई थी,
पर मैं जानती थी कि, ये दुनिया की सबसे सुंदर फोटोज में से एक है..!!

-श्रीमती हकुना-मटाटा
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