"चाय" किसमें बनाई...? "कुकर" में..!!,😂

 ......"ओह गॉड , प्लीज़ हील मी, आई एम डाईंग 

श्रीमती हकुना मटाटा ने कराहते हुए कहा , 
वो कहते है न कि जब मुसीबत आती है तो हर तरफ से आती है....
हुआ यूँ की इधर श्रीमती मटाटा को वायरल फीवर ने जकड़ा  और उधर मिस्टर मटाटा कंपनी की एनुअल मीटिंग के लिए भोपाल निकल गए ।

घर पर कोई दूसरा था ही नही जो श्रीमती मटाटा की तीमारदारी कर सके , वायरल फीवर ने उन्हें तोड़ से दिया था और उस पर जुल्म ये की उनकी प्राण प्रिय "बाई" पिछले चार दिनों से गोल थी ।
और मौसम जैसे इरादतन जालिम बन बैठा था ,यानी कि सब श्रीमती मटाटा के दुश्मन बन बैठे थे ।
पर उनके लिए सबसे तकलीफ देह था  मिस्टर मटाटा का उनके पास न होना ।

खैर रोज़ फोन पर बात होती,पर श्रीमती मटाटा पूरज़ोर कोशिश करती की आवाज़ में दर्द न झलके ,

पर जब बदन दर्द से टूटने लगा और हिम्मत जवाब दे गई तब हार कर उन्होंने मिस्टर मटाटा को फोन लगाया ,....लाख छुपाते हुए भी आवाज़ में दर्द छलक उठा....
पहले तो मिस्टर मटाटा  ने खूब डांट लगाई ,की क्यो इतनी लेट इन्फॉर्म किया , तबियत का ख्याल क्यों नही रखा ,फोन क्यो नही किया ,डॉक्टर के पास क्यो नही गई, घर से किसी को क्यों नही बुलाया ब्ला-ब्ला .....

"सुनो, तुम परेशान मत हो, मैं जल्दी ही पहुँचता हूँ , 
और इससे पहले की श्रीमती मटाटा कुछ कहती फोन कट चुका था ।

कैसे आ सकते है, ट्रैन तो कल शाम की है परसों सुबह तक ही पहुँच पाएंगे , 
फालतू परेशान किया , सोचते हुए श्रीमती मटाटा की आंख लग गयी...
शाम को पड़ोसन के साथ डॉक्टर के यहाँ गई...और 
दवाइयां और ब्रेड अंडे लेते हुए आई...
पिछले चार दिनों से ब्रेड और अंडो से ही काम चल रहा था..!!

खैर, श्रीमती मटाटा ने जैसे ही किचन में कदम रखा ,उनका सर ही घूम गया...वो बरबस बोल उठी " "ओह गॉड"
ये किचन है या पानीपत का मैदान, सारे बर्तन झूठे और फैले पड़े थे, 
खराब तबियत के कारण और काम वाली बाई के न आने के कारण किचन गंभीर स्थिति में था..!
उन्होंने कोशिश की कुछ सफाई कर दे किन्तु शरीर  साथ नही दे रहा था, सो किसी तरह दो ब्रेड सेंक कर खाई और धम्म से बिस्तर पर गिर पड़ी..!!


"ओह गॉड प्लीज़ सेव मी, टिल माय हस्बैंड कम"
 और प्रेयर करते हुए उनकी आंख लग गई ...
सुबह डोर बेल की घनघनाहट से आंखे खुली , 
" क्या वाहियात पन है,ऐसे कौन बेल बजाता है, "
गुस्से में बड़बड़ाती हुई श्रीमती मटाटा ने दरवाजा खोला तो अवाक रह गई , ये क्या ,सामने तो  मिस्टर मटाटा खड़े थे, 

"हाऊ इट कैन पॉसिबल",
 ये इतनी जल्दी कैसे आ सकते है ?
और इससे पहले की वो ज्यादा कुछ सोचती और कहती , मिस्टर मटाटा ने उनके माथे को छू कर बॉडी टेम्प्रेचर देखा ,पलक झपकते ही कांधे से सामान उतार कर श्रीमती मटाटा को किसी गुड़िया की तरह उठा कर बड़ी एहतियात से बेड पर लिटा दिया, 

"यू मस्ट बे टायर्ड , डोंट डू आल दिस"
 श्रीमती मटाटा ने कहा ...
पर मिस्टर मटाटा ने जैसे सुना ही नही, 
डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन देखा, दवाइयां देखी, क्लिनिक फोन कर डॉक्टर के साथ मॉर्निंग अपॉइंटमेंट फिक्स की , तब कहीं जा कर बैठे..!!

" क्या , जानेजिगर क्या हाल बना कर रखा है तुमने अपना, अरे ,नहीं चाहती थी कि मैं जाऊं तो पहले ही बता देती, बंदा जाता है नही , 
खुद को बीमार करने की क्या ज़रूरत थी "..!! 
मिस्टर मटाटा चुटकी लेते हुए बोले जा रहे थे...

"ख़ैर कोई बात नही, अब मैं आपकी खिदमत में हाज़िर हूँ, तो घबराने की कोई बात नहीं.."..!!
तुम आराम करो ,मैं चाय लाता हूँ तुम्हारे लिए...


"अरे ,नहीं , प्लीज़ डोंट गो टू द किचन , इट्स रियली मेसी
" सारे बर्तन झूठे और बिखरे पड़े है, तुम्हें एक चमच्च भी साफ नहीं मिलेगा.."  श्रीमती मटाटा ने खीजते हुए कहा...

पर तब तक मिस्टर  मटाटा किचन में जा चुके थे
इधर श्रीमती मटाटा ये सोच कर बैचेन थी कि ,ये क्या सोच रहे होंगे, क्या हाल है बना कर रखा है मैंने ,किचन का, उफ्फ...

बैचेन हो कर उन्होंने फिर आवाज़ लगाई ,
  "अरे यार सुनो, न , आई डोंट वांट टी ,प्लीज़ कम आउट ऑफ किचन "

 पर शायद मिस्टर मटाटा को सुनना ही नही था, 
इधर श्रीमती मटाटा मन ही मन भुनभुनाती परेशान होती रही 😑,उधर मिस्टर मटाटा चाय के जुगाड़ में लगे थे...



और आखिरकार , "चाय" बन कर तैयार थी...
और श्रीमती मटाटा सरप्राइज के सागर में गोते लगा रही थी , कि आख़िर किस बर्तन में चाय बनाई इन्होंने....बर्तन धोना तो इन्हें कतई पसंद नहीं है🤔
आखिर उनसे रहा नहीँ गया और पूछ ही बैठी

"चाय" किस में बनाई ,सारे बर्तन तो झूठे पड़े हुए है..??
उनकी इस बात पर मिस्टर मटाटा मुस्कुराते हुए बोले...

"वेल, माय डिअर लेडी..."वेयर देयर इस अ विल,देयर इस आ वे"
बन्दे ने चाय "कुकर" में बनाई है..!!

बस इतना सुनना था कि , श्रीमती मटाटा की बेसाख़्ता हंसी गूंज उठी  और मिस्टर मटाटा तो वैसे भी हँसने में कंजूसी नही करते ...
हँसते हुए श्रीमती मटाटा की आंखों में आंसू भर आये , 
उनके दिल ने ज़ोरो से कहा " ही रियली लव्स यू आ लॉट"

और सही भी है ,इतना प्यार 
 मटाटा निवास में ही हो सकता है 
जहाँ "चाय " कुकर में भी  बनाई जाती है😊..!!

-श्रीमती हकुना-मटाटा
Aka Meeta S Thakur

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