तुम हो तो लाइफ झिंगा-ला-ला है...!! tum ho to life jhinga-la-la hai...!!



इस कड़ाके की गीली सीली-सीली सी ठंड ने आफत मचा कर रखी हुई है आज कल, 
शहर तो मानो शिमला और कुल्लू-मनाली हुआ पड़ा है, 
सुबह उठ कर पानी मे हाथ डालते ही लगता है मानो हाथ गल कर बाल्टी में ही गिर गए हो,अपने ही चेहरे की छुवन भी पराई सी लगती है! 
श्रीमती हकुना मटाटा अपने सर्वाइवल की सोच ही रही होती है कि की पीछे से पति देव की की आवाज़ आती है,अरे "जानू" ज़रा बढ़िया अदरक वाली चाय तो पिला दो,फिर रजाई को अलविदा कहें..!
और श्रीमती जी मन ही मन उलाहना देती हुई चाय का पतीला गैस पर चढ़ाती है,"हुहं ,जानती हूँ, चाय पी कर फिर,सो जाएंगे,
फिर बच्चे के कमरे में पहुँच उसे सोता देख ममता उमड़ पड़ती है,उसे लिहाफ अच्छे से उढ़ाते हुए बरबस मुँह से निकल पड़ता है,पता नही ये ठंड कब जाएगी ।

कपड़े भिगाने है,महरी आती होगी, नाश्ता बनाना है, सबको उठाना है किसी को आफिस तो किसी को स्कूल भेजना है ,

बस फिर क्या ,श्रीमती हकुना मटाटा के हाथ मशीन से भी तेज चलने लगते है इधर चाय बनाई उधर पानी गर्म किया ,
इधर आनन-फानन नहा कर निकली उधर कुकर की सिटी को शांत किया ,
इधर सब्जी झौंकी उधर पूरिया तली , 
इधर गीले बालों का जूड़ा बनाया उधर कमर में साडी लपेटी, ।
इधर बच्चे को तैयार करना शुरू तो उधर बच्चे का टिफिन पैक और उधर मि .हकुना मटाटा अपनी श्रीमती के काम करने की स्पीड से बेखबर ,आंखे मलते हुए उठते है कि इधर
श्रीमती हकुना मटाटा ने उन्हें दूसरी बार चाय की प्याली अखबार के साथ थमा जाती है..,इस प्यार भरी झिड़की के साथ कि "उठ जाइये जनाब, क्या दिन भर सोने का इरादा है",
 
और, इससे पहले की मि. हकुना मटाटा कुछ समझ पाते 
श्रीमती हकुना मटाटा उनके माथे पर बड़ी मोहब्बत से किस करते हुए ,
 "लॉक ठीक से लगाना, लाइट ऑफ करके जाना , टिफिन रख लेना ,दवाई लेने नही भूलना" , जैसी हिदायतें देते हुए, 
बच्चे का हाथ और स्कूल बैग और हां साथ मे अपना आफिस बैग ले कर हमेशा की तरह मुस्कुराती हुई घर से निकल जाती है..!!

मि.हकुना मटाटा बड़ी मोहब्बत से निहारते हुए उन्हें जाता हुआ देखते हैं और यही सोचते है  कि
"श्रीमती जी आप है, तो लाइफ झिंगा-ला-ला है ,वरना तो हमारी टाँय-टाँय फिश हो गई होती."..!!

लव-यू -रहेगा आपको श्रीमती हकुना मटाटा
मन मे कहते और मुस्कुराते हुए वे श्रीमती जी  के नाम हवा में एक किस उछलते है ...और उधर इस सीली और गीली ठंड में भी श्रीमती हकुना मटाटा के गाल यूँ सुर्ख हो जाते है मानो धूप बस उन पर ही खिली हो...!!


हकुना-मटाटा निवास में हर सुबह ऐसी ही सुहानी होती है.!!

- मिसेस हकुना-मटाटा

Comments

##DT## said…
हर घर को ऐसी ही सुबह की ज़रूरत है....... दुनिया की तस्वीर बदल जायेगी ।
Nice story ma'am
Meeta S Thakur said…
Lovely comment ,thank you ☺️
Paritosh said…
ओह इस सर्द सुबह में नहा के निकलते ही अगर मिस्टर मटाटा के हाथों की एक प्याली चाय मिल जाये तो फिर इस सुबह के क्या कहने।
Meeta S Thakur said…
Der aaye par durust aaye☺️👌